Monday, 29 August 2016

तड़फ़ाते बहुत हो- 3 अब चोद भी डालो ना

कितने बरसों का सफ़र खाक हुआ,
जब उसने पूछा,
कहो कैसे आना हुआ?
मैं तेज-तेज चोदने लगा और एक हाथ से उसकी चूचियाँ दबाने लगा। पारुल भी मेरे कंधे को पकड़ कर अपनी तरफ खींच रही थी। मैं भी तेज स्पीड में उसकी चूत में धक्के लगा रहा था।
कभी तेज रफ़्तार में तो कभी धीरे चोदते-चोदते 20 मिनट हो गए और दोनों ने अपना पानी एक साथ निकाल दिया। मैं उसके ऊपर ही लेट गया।
अब आगे :
दस मिनट हुए थे,

ममेरे भाई से फुद्दी चुदवाई

मैं अन्तर्वासना की नियमित पाठिका हूँ। इस लाजवाब साइट पर मैंने बहुत सारी कहानियाँ पढ़ी और सैक्स के बारे में ज्ञान लिया। आज मैंने सोचा मैं भी अपनी प्यारी सच्ची घटना सुनाऊँ। यह मेरी पहली सैक्स कहानी है।
पहले मैं अपने बारे में कुछ बता दूँ, मेरा नाम मोनिका है और प्यार से मुझे सब मोनू के नाम से पुकारते हैं। मैं सिरोही की रहने वाली हूँ। मैं अभी 19 साल की हूँ, रंग गोरा, बदन कच्चा एवं गठीला तथा साईज 36-28-38 है। मैं 12वीं में पढ़ती हूँ।
वैसे मैंने क्लास में सहेलियों से सेक्स के किस्से तो खूब सुने पर असली काम करने की कभी सोची भी नहीं थी और खास कर इस सम्बन्ध पर।
बात अभी कुछ दिन पहले की है,